ये चिट्ठी हमारे आवाम के नाम है। हाल ही में साध्वी प्रज्ञा की गिरफ्तारी मालेगांव बिस्फोट के मामले में की गई है , सेना के कर्नल पुरोहित भी इसी मामले में पकड़े गए हैं, अब ये वक्त कुछ सोचने का है। हमसब को धर्म के नाम पर होने वाले इन तमाम बखेडो को समझना होगा...कुछ दिनों पहले की बात है, देश के किसी भी शहर में धमाके होने पर किसी कट्टर मुस्लिम संगठन का नाम आता था , तब मुस्लिमों को तो मानो पुरे विश्व में ही आतंकवादी माना जाने लगा । पर अब लगता है मंज़र बदल चुका है। अब इस बात से किसी को इत्तेफाक नही रखना चाहिए की आतंकवाद का कोई मज़हब नही होता। क्या हिंदू क्या मुस्लिम मज़हब के नाम पर फायदे बटोरने के लिए तमाम कवायद की जाती है, यह साबित हो चुका है। विश्व हिंदू परिषद् , बजरंग दल जैसे संगठन तो पहले से ही धार्मिक कट्टरता को हवा देते रहे है, पर अब वे आतंकी वारदातों को अंजाम देने में मदद करे तो यह उनके आतिवादी रवैये का चरम है।
बहरहाल ऐसे में हमारी सेना में भी धार्मिक कट्टरता हावी होने लगे तो इससे ज्यादा दुखदायी कुछ नही हो सकता। अब तक तो सेना के सभी जवान साथ मिलकर देश के शत्रुओं के खिलाफ लड़ते रहे थे, अब तक किसी मुस्लिम सिपाही को तो देशद्रोह के आरोप में नही पकड़ा गया, किसी ने जंग के मैदान में पाकिस्तानी सेना का पक्ष नही लिया, पर हिंदू धर्मान्धता से सेना भी नही बची ।
अगर धर्म के नाम पर ऐसा होने लगा है तो भइया हम कहेंगे-------
मत बांटो हमें मज़हब के नाम पे...
मत काटो हमें मज़हब के नाम पे,
है यही मज़हब तो फिर !
इससे अच्छा छोड़ दे मज़हब , खुदा के नाम पे........
धन्यवाद .......
3 comments:
किसी एक सैनिक की करतूत से ये कहना की "हिंदू धर्मान्धता से सेना भी नही बची " ये सोचना ग़लत है | एक सैनिक की करतूत के लिए पुरी सेना को जिम्मेदार नही ठहराया जा सकता | रही बात कट्टरपन की वो आपको सब जगह मिल जायेंगे | उन्हें किसी धर्म से मतलब नही उन्हें सिर्फ़ धर्म के नाम पर अपनी दुकानदारी चलाने से मतलब है |
लाखों के संख्याबल वाली सेना में से कुछ 2-4-8-10 लोग यदि इन कामों में लिप्त पाये जायें तो इसका यह मतलब नही होता कि सेना भी साम्प्रदायिक हो गई है, यह सेना को "बैकफ़ुट" पर लाने की एक साजिश लग रही है…
aapko apni soch ko viksit karni chahiye...Kisi ek ki galtiyon ke badle saare samuh ko galat batana sahi nhi hai bhai mere...
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