Wednesday, November 12, 2008

सेना पर आक्षेप नही...

'मज़हब ये तो नही सिखाता' आलेख में मैंने जो लिखा इसपर सेना के धर्मांध होने की बात नही लिखी , बल्कि किसी सैनिक के मज़हबी उन्माद के रंग में रंगने पर चिंता जताई है। इसे सेना पर आक्षेप लगाने के तौर पर देखा जाना ग़लत होगा। बुद्धिजीवी पाठको से अनुरोध है, इसे अन्यथा ना ले.......

2 comments:

राहुल सि‍द्धार्थ said...

भाई सबकी अपनी-अपनी सोच है.लेकिन जहां जो गलत है उसे कहने में परहेज कैसा भले ही वो हमारी सेना ही क्यू न हो.गुरूपर्व की बधाई

राजीव करूणानिधि said...

Tippniyon se ghabraya mat karen..Bebaak ho kar likhte rahen...Hamari shubhkamna aap jaise jang ke veeron ke saath hai...

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