संजय दत्त राजनीति में किस्मत आजमाने की तैयारी कर रहे हैं, समाजवादी पार्टी उनके गांधीगिरी के अंदाज़ से प्रभावित होकर और समाज में उनके गांधीगिरी के योगदान को भुनाने के लिए नबाबों के शहर लखनऊ से चुनाव में उतारने जा रही है। पर कथित समाजवादी अमर सिंह ये भूल गए की गांधीवाद को आधुनिक गांधीवाद "गांधीगिरी" में तब्दील करने का श्रेय संजय को नही बल्कि फ़िल्म डायरेक्टर राजू हिरानी को जाता है, मुन्नाभाई जो कहते हैं वो स्क्रिप्टरायटर ने बाकायदा लिखा होगा, डायलोग लिखा गया होगा मुन्नाभाई तो बस एक्ट कर रहे थे। तो अमर सिंह जी बजाय राजू हिरानी, फ़िल्म के स्क्रिप्टरायटर या फिर डायलोग लिखने वालो को चुनाव में क्यों नही उत्तारते सिर्फ़ इसलिए ना की वे संजय की तरह फेमस नही हैं, पर गांधीगिरी को जीवंत करने वाले तो वही लोग हैं। वैसे मुन्नाभाई को तो कम से कम गांधीवादी नही कहा जा सकता क्योंकि किसी गांधीवादी को एके-४७ की जरुरत तो नही ही पड़ेगी, किसी डॉन के संगति में रहने का इरादा भी नही रहा होगा पर मुन्नाभाई ऐक्टर अच्छे है और गांधीगिरी की भूमिका को बखूबी जीवंत कर गए । पर इसका मतलब ये नही की वे गाँधी के आदर्शों में जीते हैं , समाज में उन्होंने ऐसा कोई योगदान भी नही दिया जिसे याद रखा जा सके पर भाई राजनीति के लाज़बाब नौटंकीबाज़ अमर सिंह ना जाने उनके किस योगदान को ध्यान में रख कर चुनाव में उत्तार रहे हैं यही नही सजायाफ्ता संजय के चुनाव लड़ने में कानूनी अड़चन आने पर उनकी बीवी मान्यता को नेता बनने की तैयारी में वे लगे हैं खैर संजय अच्छे कलाकार हैं , जनता में प्रसिद्धी भी अच्छी खासी है पर इसका मतलब ये नही की वे अच्छे नेता भी साबित हो । जनता में अभिनेता की प्रसिद्धी का फायदा पहले भी प्रायः सभी दलों ने उठाया है पर कुछ को छोड़ कर शेष नाकाबिल ही साबित हुए। गोविंदा को ही ले मुंबई ने कितनी त्रासदी झेली बम धमाके हुए, ट्रेनों में बिस्फोट हुए, बाढ़ आई लेकिन नेता गोविंदा पर अभिनेता गोविंदा हावी रहा । गोविंदा चर्चा में रहे भी तो कभी अपने फैन्स को थप्पड़ मरने को लेकर तो कभी फ़िल्म डायरेक्टर को पिट कर , यहाँ उनके दिमाग पर सांसद होने का गुरुर हावी रहा होगा । नाम और भी हैं धर्मेन्द्र, हेमा मालनी, दारा सिंह, नीतिश भारद्वाज , दीपिका(रामायण की सीता मैया) जैसे लोगो ने तो हद कर दी उनके एक्टिंग को असलियत समझने वाली जनता ने उन्हें चुना पर वजाय जनता की समस्या सुलझाने के वे जनता से दूर ही रहे।
पर अब जब बात संजय/मान्यता की हो रही है तो इन्हे भी इनकी लोकप्रियता को ध्यान में रख कर ही टिकट दिया जा रहा है, गांधीवाद या गांधीगिरी टिकट दिए जाने का कोई ताल्लुक नही । पर इतना तो साफ़ है संजय जीतते हैं तो दूसरो की तरह किसी जमीनी नेता का हक ही मरेंगे। और हाँ अमर सिंह जी गांधीगिरी के समाज में योगदान को ध्यान में रख कर टिकट देना हो तो फ़िल्म डायरेक्टर राजू हिरानी, स्क्रिप्टरायटर को टिकट दे दीजिये ।
The worldwide economic crisis and Brexit
8 years ago
11 comments:
ये गलफ़हमी मुलायम सिंह को भी नहीं होगी कि संजय गाम्धीवादी है। वह खतरनाक किस्म का भरात-द्रोही है जिसके लिये उसे सजा दी गयी है। भारत का मिडिया बहुत ही गैरजिम्मेदाराना व्यवहार करके अभी तक संजय की असलियत को जन-सामान्य के सामने आने से रोकने में सफ़ल रहा है। देश की जनता को 'ग्लैमर' की हवा निकाल देनी चाहिये और चीजों को यथार्थ में देखना चाहिये।
इस विषय पर विचार प्रस्तुत करने के लिये आपको साधुवाद!
सही कहा है अखिलेश जी आपने. आज कल तो ग्लेमर की दुनिया के लोग ही राजनीती में आने लगे है ,और शायद हर पार्टी उन्हें ही टिकट देना ज्यादा पसंद करती है, इसमे डॉस उनका नही है परन्तु हमारे जैसे वोटरों का है जो फिल्मी दुनिया की चमक दमक देख उनको वोट देतें है
सही कहा है अखिलेश जी आपने. आज कल तो ग्लेमर की दुनिया के लोग ही राजनीती में आने लगे है ,और शायद हर पार्टी उन्हें ही टिकट देना ज्यादा पसंद करती है, इसमे डॉस उनका नही है परन्तु हमारे जैसे वोटरों का है जो फिल्मी दुनिया की चमक दमक देख उनको वोट देतें है
भईया दोष तो पब्लिक का है ना जो इन नौटंकीबाजों की नौटंकी को इनका चरित्र समझ बैठती है. आपने अच्छे मुद्दे उठाये हैं....
सब वोट का खेल है, अमर सिंह हो या भगवाधारी भाजपा या कांग्रेसी सभी ने ग्लेमर को तबजो दिया और ये फिल्मी लोग मजे काटते रहे , पर अब जनता को इनके चरित्र को समझना होगा...
बेहतरीन प्रस्तुति....
फिल्मो में अपनी दूकान बंद होता देख दत्त पुत्र ने राजनीति में अपना भाग्य आजमाना उचित समझा. ऐसे तमाम बेकार हो चुके लोगो के लिए नेतागिरी से सस्ती और टिकाऊ चीज और क्या हो सकती है. आपका लेख अच्छा है. बधाई.
गलतियाँ इन्सान ही करता है हर कोई जन्मजात आतंकवादी नही होता....mai समझती हूँ संजय अब बदल गए हैं....
sanjay bhai ko bhi jine ka haq hai mere bhai. galtiya insaan se hi hoti har,aur galtiyon se sabak lene waala achcha insaan kahlata hai.sanjay bhi sudhar chuke hain.
nice post and good doing
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मस्त लेख आपने अमर सिंह को जो उपमा दी "राजनीति के लाज़बाब नौटंकीबाज़ अमर सिंह" बड़ा बेहतरीन लगा, अगले पोस्ट का इन्तेजार रहेगा.
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