Saturday, January 3, 2009

अपने ही शहर में डरा डरा माही...

तकरीबन पॉँच छः साल पहले की बात है,मेरे एक पड़ोसी की मानसिक स्थिति थोडी ख़राब हो गई थी, गलती से वे जम्मू पहुँच गए, सेना को उनकी गतिविधियाँ संदिग्ध लगी तो उन्हें पकड़ लिया गया । सेना ने पूछताछ शुरू की उनसे पुछा जाता कहाँ से आए हो जबाब में वे ख़ुद को रांची का बताते पर सेना के लोग रांची को करांची समझकर पिटते रहे, कुछ घंटे बाद ही एक बिहारी सैनिक ने अपने साथियों को रांची के बारे में बताया की रांची, झारखण्ड की राजधानी है, तब जा कर उन्हें छोड़ा गया । पर अब रांची को एक नई पहचान मिली है, रांची के नाम को महेंद्र सिंह धोनी ने पुरे विश्व में पहचान दिलाई । पर माही को अपने ही शहर में धमकियाँ मिल रही हैं, जान से मारने की धमकी, माँ-बाप को मारने की धमकी । ऐसे में माही रांची छोड़ सकते हैं , रांची छोड़ने की वज़ह और भी हो सकती है ।
फैन्स से परेशानी -
माही को रांची में सबसे ज्यादा परेशानी अपने फैन्स से है। माही जब भी शहर में होते हैं लोगो की भीड़ उनके घर के आसपास लगी रहती है , जहाँ जाते हैं भीड़ साथ साथ होती है। ऐसे में उनकी प्राइवेट लाइफ एक तरह से खत्म हो गई है वे ना तो अपने दोस्तों से मिलपाते हैं और ना ही आजाद हो कर शहर में घूम ही पाते हैं। ऊपर से खबरनाबिसों की फौज दिन रात उनके आगे पीछे लगी रहती है। घर में हो तो उनकी तस्वीर उतरने के लिए कैमरामैन उनके घर की चारदीवारी पर खड़े रहते हैं, मानो माही के अलावे और कहीं ख़बर ही नही।

4 comments:

निर्मला कपिला said...

apne shahr me kyaa log aajkal apne ghar me bhi darne lage hain

आकाश सिंह said...

मुझे तो अपनों ने लुटा गैरों में कहाँ दम था "
मेरी किस्ती थी डूबी जहाँ पानी काम था "
धोनी के लिए यह शायरी काफी फिट बैठती है , सारी दुनिया में तहलका मचाने वाले प्रतिभा के धनी धोनी को अपने लोगों से ही खतरा है,अगर वो रांची से जाना चाहतें है तो उन्हें जाना भी चाहिए क्योंकि जो अपने घर में ही शुरक्षित नहीं है तो फिर यहाँ रहने से क्या फायदा .

राजीव करूणानिधि said...

बड्डे लोग बड्डी बात.. चिंता की बात नहीं है दोस्त. वैसे आपने सही लिखा है.
नए साल की बधाई.

Anonymous said...

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