खबरिया चैनल ख़बरों के मामले में कितने सीरियस हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्राइम टाइम में भी चैनलों पर गुदगुदी , आजा हस ले और गजोधर के चुटकुले दिखाए जाते हैं । ऐसा नही है कि खबरों कि कमी है , जम्मू -कश्मीर के हालत पर या बिहार के बाढ़ कि विस्तृत खबरे नही दिखाई जा रही हैं । इन खबरों के लिए बहुत हुआ तो मात्र एक पैकेज दिखा दिया जाता है , जबकि गजोधर कि हँसी पर आधे घंटे का प्रोग्राम दिखाया जाता है। वैसे तो मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है , पर सही मायने में ऐसा कहना गजोधर के चुटकुले जैसा ही है ।
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