Monday, August 25, 2008

आख़िर बेगाने हो गए कोडा

जिन्दगी का सफर ,
है ये कैसा
कोई समझा नहीं ,
कोई जाना नहीं ....................
झारखण्ड के निर्दलीय मुख्यमंत्री के तौर पर सत्ता के मज़े ले चुके मधु कोडा का यह पसंदीदा गाना है । और उनकी जिन्दगी का आइना भी । ज्यादा दिन नहीं बीते हैं , उनके साथ रहने वाले , हर मोड़ पर कोडा का साथ देने का वादा करने वाले उनके निर्दलीय साथी उनसे साथ छोड़ चुके हैं । भानु प्रताप शाही , चंद्रप्रकाश चौधरी , कमलेश सिंह ,हरिनारायण राय , जोबा मांझी सभी मौका पाकर शिबू सोरेन के साथ हों लिए ।वहीँ बंधू तिर्की और एनोस एक्का तो पहले ही शिबू परिक्रमा में लग गए थे ।
आज कोडा के साथ कोई नहीं । वज़ह सता में कोडा नहीं , फिर उनके साथिओं को उनके साथ रह कर क्या फायदा , वे तो वहीँ होते हैं जहाँ सत्ता होती है ।अब shyad कोडा gaaye -
दोस्त दोस्त ना रहा
जिन्दगी हमें तेरा aitbaar ना रहा ।

2 comments:

Anwar Qureshi said...

badi gandi chiz hai na rajniti ..kya karen ..

संगीता पुरी said...

हो सकता है , मधु कोड़ा की सहमति से ही सब लोग शिबू सोरेन के साथ हो गए हों। धोखा ही मिला है , यह बात हम कैसे कह सकते हैं ?

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