समाचार पत्रों के रोजगार विषयक पन्नों में अकसर देखता हूँ , मीडिया में रोजगार के सुनहरे अवसर होने की बात लिखी जाती है । लेकिन मीडिया के फिल्ड में कितना रोजगार है , ये बात मीडिया में काम करने वाले लोग बखूबी जानते हैं । पहले मीडिया का छात्र और फ़िर एक पत्रकार होने के नाते में ये बात अच्छी तरह समझ सकता हूँ । आज मुझ जैसे नए लोगो को भटकना पड़ता है , काम मिलता भी है तो मुश्किल से । हर जगह पैरवी , पहुँच वालो की नौकरी पक्की हो जाती है योग्यता की बात करना ही वहाँ फिजूल है ।यही नही अब तो पत्रकारिता की पढ़ाई कराने वाले कई संस्थान कुकुरमुत्ते की तरह खुल गए हैं , जो सालाना लाखों की कमाई करते हैं , लेकिन उनके लिए कॅरिअर के भूखे युवाओं की चिंता जरा भी मायने नही रखती । कई सपने सहेज कर मीडिया में काम करने की उम्मीद लिए इन युवाओं को झटका तब लगता है जब बायोडाटा लेकर वे मीडिया हाउस के चक्कर लगाते हैं । अब वो दिन दूर नही दिखता जब लोग इन ठगों को दौड़ा- दौड़ा कर पीटेंगे